दोस्तों इस आर्टिकल में हम Low Glycemic Diet और इसके हेल्थ बेनिफिट्स पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Low Glycemic
Diet आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मददगार साबित हो सकती है, Low
Glycemic Diet का
संबंध ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से है जिनका ब्लड शुगर लेवल पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।
Low Glycemic Diet डायबिटीज मैनेजमेंट और
वेट मैनेजमेंट में सहायक हो सकती है। आपके समग्र स्वास्थ्य की दृष्टि से भी Low Glycemic Diet एक बेहतर विकल्प प्रस्तुत करता है।
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निरंतर बदलती हुई आधुनिक जीवन शैली में 10 में से लगभग 8 लोग डायबिटीज की समस्या से प्रभावित है। पैंक्रियास में इंसुलिन की मात्रा में असंतुलन डायबिटीज का एक प्रमुख कारण है जब पैंक्रियास पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन को स्रावित नहीं करता है तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और हमें डायबिटीज जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में डायबिटीज के मरीजों के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स को समझना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि ग्लाइसेमिक इंडेक्स के द्वारा अपनी डाइट को निर्धारित करके डायबिटीज के मरीज अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं
Glycemic Index क्या है :-
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) एक स्केल है जिसके द्वारा यह मापा जाता है कि खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कितनी है, और वह खाने के बाद ब्लड में कितनी तेजी से शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए तो उपयोगी है ही, साथ ही साथ जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए भी विशेष उपयोगी है।
Glycemic Index को कैसे मापा जाता है?
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) को 0 से 100 तक की इकाई में मापा जाता है। GI (Glycemic Index) को 3 वर्गों में बांटा गया है :-
1). Low Glycemic Index :- इस श्रेणी में आने वाले खाद्य पदार्थों का जी आई मान 0 से 55 के बीच होता है। Low GI Diet को डायबिटीज रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है।
2). Moderate Glycemic Index :- इस श्रेणी में आने वाले खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मान 56 से 69 के बीच होता है।
3). High Glycemic Index :- जब खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मान 70 से 100 के बीच होता है तो उसे हम हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट में शामिल करते हैं हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शरीर में तेजी से शुगर लेवल को बढ़ाते है।
Glycemic Index के फायदे
ग्लाइसेमिक इंडेक्स के
उपयोग से हम अपनी डाइट को Healthy बना
सकते हैं ।
कुछ प्रमुख फायदे :-
1).इससे शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जा सकता है जो डायबिटीज के प्रबंधन में सहायक होता है
2).भोजन में निम्न या मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Or Moderate Glycemic Index ) वाली डाइट को
शामिल करना सेहत के लिए फायदेमंद है।
3). ग्लाइसेमिक इंडेक्स वजन को एक स्वस्थ स्तर पर बनाए रखने में मदद करता है इससे ओवरवेट या अंडरवेट होने से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य पर Low GI Diet के वैज्ञानिक प्रभाव
स्वास्थ्य पर Low Glycemic Diet के प्रभावों को समझने के लिए इसके पीछे के विज्ञान को समझना
आवश्यक है जब भी हम हाई ग्लाइसेमिक फूड का सेवन करते हैं तो ब्लड शुगर में अचानक
वृद्धि होती है और पैंक्रियास बड़ी मात्रा में इंसुलिन स्रावित करता है ।
धीरे धीरे समय के साथ शरीर में इन्सुलिन प्रतिरोध बढ़ता है ,वजन बढ़ता है और Chronic Diseases का खतरा भी बढ़ जाता है। जबकि Low Glycemic Foods अधिक मात्रा में इंसुलिन के स्राव को और ब्लड शुगर वृद्धि को रोकते हैं साथ ही इंसुलिन के स्रावण (Secretion) को नियंत्रण में रखते हैं यह न केवल डायबिटीज प्रबंधन के लिए आवश्यक है बल्कि हृदय रोगों का जोखिम भी इससे कम होता है, Low GI Food वजन घटाने (Weight Loss) की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण साबित होते हैं।
Low Glycemic Diet में किन चीजों का सेवन करना चाहिए ?
हरी और पत्तेदार सब्जियां :- खीरा, टमाटर, ब्रोकली , फूलगोभी, बैगन ,हरी बींस , हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी ,चौलाई, फलों में सेव, मौसमी, संतरा, कीवी ,नाशपाती का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए, इनमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, लेकिन यह सभी आवश्यक विटामिन और खनिज (Vitamins & Minerals) प्रदान करती हैं।
विभिन्न प्रकार की दालें :- जैसे अरहर की दाल, मसूर की दाल, मूंग की दाल, और चने नियमित रूप से खाना चाहिए, इनमें प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा होती है साथ ही यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं।
साबुत अनाज :- जौ, ब्राउन राइस, किनोवा, इनमें भी फाइबर होता है, जो पाचन को धीमा करने और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
मेवे और बीज :- बादाम अखरोट, चिया सीड्स, अलसी के बीज, पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और हृदय के लिए भी लाभकारी होते हैं।
स्ट्रॉबेरी ब्लूबेरी और रेस्पबेरी को भी आहार में शामिल किया जाना चाहिए, इनमें फाइबर विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
इनसे करें परहेज
रिफाइंड शुगर :- रिफाइंड शुगर खून में तेजी से अवशोषित (Absorb) होती है और ब्लड शुगर को बढ़ाती है इसीलिए रिफाइंड शुगर से बनने वाले उत्पादों जैसे पेस्ट्री केक चीनी चॉकलेट सोडा आदि से परहेज करें।
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (Processed Food):- अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स कुकीज फास्ट फूड के सेवन से बचें क्योंकि इनमें अत्यधिक मात्रा में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होता है साथ ही इनमें अनहेल्थी फैट भी होता है जो आपके हृदय के लिए भी नुकसानदायक होता है।
व्हाइट ब्रेड और पास्ता :- रिफाइंड आटे के इस्तेमाल से बने यह उत्पाद शरीर के ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि कर सकते हैं।
मीठे पेय पदार्थ :- बाजार में मिलने वाले फलों के रस, स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे मीठे पेय पदार्थों से दूर रहें जिनमें अतिरिक्त शुगर (Added Sugar) होती है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाती है
Low Glycemic Diet को अपनी जीवनशैली में कैसे शामिल करें ?डाइट प्लान को फॉलो करें :-
एक ऐसा डाइट प्लान अपनाएं जिसमें Low GI Foods, Healthy Fat और Lean Protein शामिल हो।
फूड लेबल्स (Food
Labels) को पढ़ें :-
बाजार से कोई भी पैकेज्ड खाद्य सामग्री खरीदने से पहले फूड लेबल्स में इनग्रेडिएंट्स को पढ़े ताकि आप यह जान पाए हैं कि संबंधित खाद्य सामग्री में शुगर , फैट आदि की मात्रा कितनी है और क्या यह आपके स्वास्थ्य मानकों के हिसाब से सही है।
घर पर बनी हुई चीजों को प्राथमिकता दें :-
कोशिश करें कि कोई भी डिश घर पर बनाएं, किसी भी डिश को घर पर बनाने से आप अपने हेल्थ कंडीशन के हिसाब से इनग्रेडिएंट्स को इस्तेमाल कर सकते हैं।
Low GI Diet स्वस्थ जीवन जीने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है इसे अपनाकर हम ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित स्तर पर बनाए रख सकते हैं , डायबिटीज का उचित प्रबंधन कर सकते हैं , साथ ही अपने दैनिक ऊर्जा स्तर में वृद्धि करके स्वस्थ जीवन का आनंद उठा सकते हैं।
तो आज से ही आप भी अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लें और एक संतुलित Low GI Diet को अपनी जीवनशैली में शामिल करें । यह आपको एक स्वस्थ जीवन शैली चुनने में मददगार साबित हो सकता
है।